शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

Ye Kaun sa Janvar Hai?

ये कौन सा जानवर है?

लेखक: येव्गेनी चारुशिन
अनु: चारुमति रामदास

पहली-पहली बर्फ पड़ी थी, और चारों ओर सब कुछ सफ़ेद-सफ़ेद था. पेड़ सफ़ेद, ज़मीन सफ़ेद, और ड्योढ़ी, और ड्योढ़ी की सीढ़ियाँ– सब कुछ बर्फ से ढँक गया था. 
नन्ही कात्या का मन बर्फ पर घूमने को कर रहा था. वो ड्योढ़ी में आई, सीढ़ियों से उतरकर बाग में जाना चाहती है और अचानक देखती क्या है : ड्योढ़ी पर बर्फ में कुछ गड्ढे गड्ढे बने हैं. कोई जानवर बर्फ पर चला था. सीढ़ियों पर निशान हैं, ड्योढ़ी में निशान हैं और बाग में भी निशान हैं.
 ‘मज़ेदार बात है!’ नन्ही कात्या ने सोचा. ‘यहाँ कौन सा जानवर आया था? पता करना चाहिए.’
कात्या एक कटलेट लाई, उसे ड्योढ़ी में रखा और भाग गई.
दिन बीत गया, रात बीत गई. सुबह भी आ गई. कात्या उठी और फ़ौरन ड्योढ़ी में भागी – ये देखने के लिए कि जानवर ने उसका कटलेट खाया या नहीं. देखती क्या है – कटलेट तो पूरा का पूरा वहीं पड़ा है! जहाँ उसे रखा था, वह वहीं पर है. मगर पैरों के निशान और भी ज़्यादा हैं. मतलब, जानवर फिर से आया था.
तब कात्या ने कटलेट हटा ली और उसकी जगह सूप से हड्डी निकाल कर रख दी.
सुबह कात्या फिर ड्योढ़ी में भागी. देखा – हड्डी को भी जानवर ने नहीं छुआ था. तो, फिर कैसा है ये जानवर? हड्डी भी नहीं खाता.
तब कात्या ने हड्डी के बदले वहाँ लाल गाजर रखी. सुबह क्या देखती है – गाजर वहाँ नहीं है. जानवर आया और पूरी गाजर खा गया!
तब कात्या के पापा ने एक ट्रैप बनाया. उन्होंने ड्योढ़ी में एक छोटा सा बक्सा उलट कर रख दिया, मतलब उसकी तली ऊपर की ओर करके, उसे लकड़ी की एक छिपटी का सहारा दिया, और इस छिपटी पर धागे से एक गजर बांध दी. अगर गाजर को खींचा जाए, तो छिपटी उछलेगी, बक्सा गिरेगा और छोटे से जानवर को ढाँक लेगा.
दूसरे दिन पापा भी निकले, मम्मा भी, और दादी भी निकली ड्योढ़ी में, ये देखने के लिए कि जानवर ट्रैप में फंसा है या नहीं. कात्या सबसे आगे थी.
 हाँ, है! जाल में जानवर है!  बक्सा अपनी जगह से गिर गया था और उसने किसी को बंद कर लिया था! कात्या ने झिरी से देखा, देखती क्या है : वहँ जानवर बैठा है, सफ़ेद-सफ़ेद, नरम-नरम रोँएदार, आँखें गुलाबी, कान लंबे-लंबे, कोने में दुबका था, गाजर चबा रहा था.
ये तो ख़रगोश है! उसे घर के अन्दर ले आए, किचन में. और फिर एक बड़ा पिंजरा तैयार किया. और वह उसमें रहने लगा.
और कात्या उसे गाजर खिलाती, सूखी घास खिलाती, ब्रेड का चूरा खिलाती और ओट्स खिलाती.  
    

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